कहानी – दो बूंद गंगाजल
देखते ही देखते हिमनद ढहने लगा। ढहते-बहते हिमनद के संग नीर वाहिनियां भी दौड़ पड़ी। वेग, प्रबल आवेग में तब्दील हो गया। विहार करती...
देखते ही देखते हिमनद ढहने लगा। ढहते-बहते हिमनद के संग नीर वाहिनियां भी दौड़ पड़ी। वेग, प्रबल आवेग में तब्दील हो गया। विहार करती...