बाल कविता : एक पहेली राही मतवाले
जीवन देने को जन्मे हैं, जीवन देकर ये मिट जाते, जिस सागर से ये उठते हैं, उस सागर में लौट के जाते, इसीलिए सब इनको चाहते, जितने भूरे, उतने...
30 मई: हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर कुछ आपसीखी
चौथी दुनिया में ही मैने सीखा कि संपादक को अपने पास आई हर रचना की स्वीकृति-अस्वीकृति का कारण सहित उत्तर देना चाहिए। संपादक को...
नदिया में मैं गंगा की धार बंधु
अरुण तिवारी नदिया में मैं गंगा की धार बंधु,देह कालिया का हूं मैं मर्दनहार बंधु।लेना-देना मुझसे बस प्यार बंधु,ओ बंधु रे…. ओ मेरे यार...
हर घर नल से जल योजना : कितनी सामाजिक, कितनी कॉर्पोरेट ?
नल जल योजना में स्रोत से लेकर गांव की हद तक पानी पहुंचाने का काम कंपनियों को सौंपा गया है. कोई गारंटी नहीं कि...
हिंदी वाटर पोर्टल पर अरुण तिवारी के लेख
आदरणीय पाठक,नमस्ते. मेरठ के एक जल सम्मेलन में हम मिले. यह श्रीमान सिराज केसर से मेरी पहली मुलाकात थी. हम एक ही बस में...
चमोली हादसा
शियर हो या इंसान, रिश्तें हों या चट्टान, यूं ही नहीं दरकता कोई। किसी पर इतना दाब हो जाए कि वह तनाव में...
श्री अनुपम मिश्र स्मृति साहित्य – 2019
सबसे लम्बी रात का सुपना नया देह अनुपम बन उजाला कर गया। रम गया, रचता गया रमते-रमते रच गया वह कंडीलों को दूर ठिठकी दृष्टि थी जोे पता...
श्री अनुपम मिश्र स्मृति साहित्य (2)- 2018
अनुपम जी होते तो शायद कहते, ''अपन इस सवाल की बहस में क्यों पड़ें ? चतर सिंह, लक्षमण सिंह और राजेन्द्र के साथ मिलकर...
श्री अनुपम मिश्र स्मृति साहित्य – 2018
विषमताओं में समता का मार्ग तलाशते वक्त सद्भाव बनाये रखना, श्री अनुपम मिश्र का एक विशेष गुण था। संभवतः इसीलिए द्वितीय अनुपम स्मृति...