श्री अनुपम मिश्र स्मृति साहित्य – 2017
रैणी गांव से शुरु संघर्ष की कथा आप सब जानते हैं।....शिविर लगा, तो अनुपम भी उसमें आये। वन जागे, वनवासी जागे। अलकनंदा में बाढ़...
रैणी गांव से शुरु संघर्ष की कथा आप सब जानते हैं।....शिविर लगा, तो अनुपम भी उसमें आये। वन जागे, वनवासी जागे। अलकनंदा में बाढ़...
सिद्धराज जी भाईसाहब ( प्रख्यात गांधीवादी नेता ) के जाने के बाद एक अनुपम ही तो थे, जो मुझे टोकते थे। काम से रोकते...
यदि तंत्र खुद अपने द्वारा तय मानकों, आदेशों आदि की अनदेखी करने लगे और लोक को लालच हो जाए। ऐसे में नदियों के लोकतांत्रिक...
अरुण तिवारी गोविंद सोवेे कि गुरुवर जागें,आस जगावें कि मार्ग दिखावें,अमरस जमुनी रंग ललचावे,धरती धारे गर्भ हरित तन,बदरा साजे बीच आकाशा।आषाढ़ करे अगवानी जिसकी,कास...