क्यों बनते थे तालाब, यूं बनते थे तालाब
पानीदार प्रेरणा और परंपरागत समझ के लिए प्रसिद्ध रहे लेखक स्वर्गीय श्री अनुपम मिश्र जी की एक बेहद चर्चित पुस्तक है – आज भी...
पानीदार प्रेरणा और परंपरागत समझ के लिए प्रसिद्ध रहे लेखक स्वर्गीय श्री अनुपम मिश्र जी की एक बेहद चर्चित पुस्तक है – आज भी...
हम सभी जानते हैं कि पानी के बिना ज़िन्दगी संभव नहीं | दुनिया की आबादी को साफ़ स्वच्छ पानी मुहैया कराने के लिए बहुत...
हाय, समय यह कैसा आया मोल बिका कुदरत का पानी। विज्ञान चन्द्रमा पर जा पहुंचा धरा पर प्यासे पशु-नर-नारी। यह न्यू इंडिया है...
कहते हैं, इन दिनों धरती बेहद उदास है। इसके रंजो-ग़म के कारण कुछ ख़ास हैं।
अपनी गंगा को बांध-बांध सिर्फ बिजली बनाना याद हमें। वे कुंभ कहां ? भगीरथ हैं कहां ?? गंगा किससे फरियाद करे ? यह न्यू इंडिया है...
जो मरता था मार्च में, अब अक्तूबर में मरता है। यह बांदा का किसान है, नये भारत का निशान है। यह न्यू इण्डिया है...
मौसम की चुनौती घर खेत खा रही, मधुमक्खियां भी गांव छोड़ शहर को हैं जा रही। यह न्यू इण्डिया है....
उमड़ता तू सिकुड़ता तू, तपता तू ही शीत बरखा, हवा का रुख बदलता तू, खुद का करके तू शोषण, नीर में मधु है तू भरता। पर प्यास में हर...
कहते हैं कि शब्द ब्रह्म होते हैं ; कभी मरते नहीं. स्वर्गीय श्री अनुपम मिश्र जी को हम भूल भी जाएं, किन्तु उनके लिखे शब्द...
देखते ही देखते हिमनद ढहने लगा। ढहते-बहते हिमनद के संग नीर वाहिनियां भी दौड़ पड़ी। वेग, प्रबल आवेग में तब्दील हो गया। विहार करती...