नदिया निर्मल तब रहे…
रेत सोख्ता चाहिए, करबद्ध करौ उपाय। वेग-ढाल नदी प्राण हैं, सुन लो यार मन लाय।।
रेत सोख्ता चाहिए, करबद्ध करौ उपाय। वेग-ढाल नदी प्राण हैं, सुन लो यार मन लाय।।
निवेदक: पानी पोस्ट टीम 13 जून, 2011 से 04 जून, 2023 – मात्र 12 वर्ष के इस छोटे से इस अंतराल में हमने खासकर...
अपनी गंगा को बांध-बांध सिर्फ बिजली बनाना याद हमें। वे कुंभ कहां ? भगीरथ हैं कहां ?? गंगा किससे फरियाद करे ? यह न्यू इंडिया है...
कह रहे हैं कि हम गंगा के सीने पर गंगा एक्सप्रेस-वे बना सकते हैं; हिमालय का सीना चीरकर चारधाम सड़क बना सकते हैं। हम...
देखते ही देखते हिमनद ढहने लगा। ढहते-बहते हिमनद के संग नीर वाहिनियां भी दौड़ पड़ी। वेग, प्रबल आवेग में तब्दील हो गया। विहार करती...
अरुण तिवारी नदिया में मैं गंगा की धार बंधु,देह कालिया का हूं मैं मर्दनहार बंधु।लेना-देना मुझसे बस प्यार बंधु,ओ बंधु रे…. ओ मेरे यार...
आदरणीय पाठक,नमस्ते. मेरठ के एक जल सम्मेलन में हम मिले. यह श्रीमान सिराज केसर से मेरी पहली मुलाकात थी. हम एक ही बस में...
शियर हो या इंसान, रिश्तें हों या चट्टान, यूं ही नहीं दरकता कोई। किसी पर इतना दाब हो जाए कि वह तनाव में...