सुनो-सुनो ऐ दिल्ली वालो…
सुनो-सुनो ऐ दिल्ली वालो, तुम्हे कसम है यमुना जी की, अमृत में तुम विष मत डालो अपने नाले खुद संभालो। वरना विष से भर जाओगे, जीते-जी तुम मर जाओगे, छठ...
सुनो-सुनो ऐ दिल्ली वालो, तुम्हे कसम है यमुना जी की, अमृत में तुम विष मत डालो अपने नाले खुद संभालो। वरना विष से भर जाओगे, जीते-जी तुम मर जाओगे, छठ...
कहते हैं, इन दिनों धरती बेहद उदास है। इसके रंजो-ग़म के कारण कुछ ख़ास हैं।
अरुण तिवारी नदिया में मैं गंगा की धार बंधु,देह कालिया का हूं मैं मर्दनहार बंधु।लेना-देना मुझसे बस प्यार बंधु,ओ बंधु रे…. ओ मेरे यार...
आदरणीय पाठक,नमस्ते. मेरठ के एक जल सम्मेलन में हम मिले. यह श्रीमान सिराज केसर से मेरी पहली मुलाकात थी. हम एक ही बस में...